Mustard Oil Rate : बाजार खुलते ही आई खुशखबरी सरसों का तेल हुआ बहुत ही सस्ता जाने नई कीमत
भारत में सरसों का तेल एक प्रमुख खाद्य तेल है जिसे खाना पकाने, मसाज और विभिन्न औषधीय उपयोगों के लिए व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। इसकी तीव्र सुगंध और स्वाद के कारण यह भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हाल के वर्षों में, सरसों तेल की कीमतों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। इस लेख में हम वर्तमान स्थिति, कारण और संभावित भविष्यवाणियों पर चर्चा करेंगे।
विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम मजबूत बंद हुए। सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन और बिनौला तेल की कीमतों में सुधार दर्ज किया गया। हालांकि मलेशिया एक्सचेंज में मजबूती के बावजूद बाजार में सामान्य घट-बढ़ के तहत कच्चा पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेज और ऊंचे दाम पर कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन की कीमतें पूर्व स्तर पर बनी रहीं। शिकॉगो और मलेशिया एक्सचेंज में सुधार का रुख बना हुआ है।
Post Type | Price Information |
Name Of Product | Mustard Oil |
Location | India |
Rate Month | June 2024 |
Join Telegram | Click Here |
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में, सरसों तेल की कीमतें स्थिरता की स्थिति में नहीं हैं। बाजार में इसकी कीमतें विभिन्न कारणों से प्रभावित हो रही हैं, जिनमें फसल उत्पादन, मांग और आपूर्ति के साथ-साथ सरकार की नीतियां शामिल हैं। अभी सरसों तेल की कीमतें प्रति लीटर 150-200 रुपये के बीच हैं, जो कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अधिक हैं।
कीमतों में वृद्धि के कारण
- फसल उत्पादन में कमी: मौसम की अनिश्चितता और बेमौसम बारिश के कारण सरसों की फसल उत्पादन में कमी आई है। इससे तेल की उपलब्धता पर असर पड़ा है।
- उच्च मांग: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण अधिक लोग सरसों के तेल का उपयोग कर रहे हैं। इसके स्वास्थ्य लाभ जैसे कि हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा होना और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना, इसके उपयोग को बढ़ा रहे हैं।
- आयात शुल्क और नीतियां: सरकार द्वारा आयात पर लगाए गए शुल्क और नीतियों के कारण घरेलू उत्पादन पर निर्भरता बढ़ी है, जिससे कीमतें बढ़ी हैं।
- कोविड-19 महामारी का प्रभाव: महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटें आईं, जिससे उत्पादन और वितरण प्रभावित हुआ। इसका असर सरसों तेल की कीमतों पर भी पड़ा।
सरसो तेल की कीमत
आने वाले महीनों में सरसों तेल की कीमतें मौसम, सरकार की नीतियों और वैश्विक बाजार के रुझानों पर निर्भर करेंगी। यदि फसल उत्पादन में सुधार होता है और आपूर्ति श्रृंखला बेहतर होती है, तो कीमतों में स्थिरता या कमी देखने को मिल सकती है। वहीं, अगर उत्पादन में कमी और मांग में वृद्धि जारी रहती है, तो कीमतें उच्च स्तर पर बनी रह सकती हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि सरसों तेल के रेट प्रतिदिन जारी नहीं होते हैं। खुदरा बाजार में विक्रेताओं के अनुसार, सरसों तेल की कीमत लगभग 140 रुपये प्रति लीटर दर्ज की जा रही है। किसी संस्था द्वारा सरसों तेल की कीमत प्रतिदिन जारी नहीं की जाती है। हमने यह जानकारी खुदरा व्यापारियों के आधार पर पब्लिश की है।
सरसों तेल की कीमत | Click Here |
सोयाबीन तेल की कीमत | Click Here |
मक्का की कीमत | Click Here |
चना की कीमत | Click Here |
मूंग की कीमत | Click Here |